Priyanka Verma

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लेखनी - अब के सावन

     अब के सावन




कुछ ऐसे बरसे, अबके सावन,

मिट जाए दिलों के बीच की ये दूरी,
स्वच्छ, निर्मल बारिश की बूंदे,
कर दे एक दूजे की कमी पूरी..


तन मन को भिगोए कुछ ऐसे,

भीग जाए मेरा ये अंतर्मन,

जलती तपती धरा को जैसे

शीतल करता है ये सावन..


गिरती हुईं फुहारों में धुल जाए,
अकेलेपन का ये अहसास,
काश, अब के सावन ऐसे बरसे,
बन जाए हमारे लिए सबसे अलग,सबसे खास..


प्रियंका वर्मा
8/7/22


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8 Comments

Punam verma

09-Jul-2022 03:08 PM

Very nice

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Priyanka Verma

09-Jul-2022 05:50 AM

Thank you so much 🙏💐💐, dear friends

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Swati chourasia

09-Jul-2022 05:45 AM

बहुत खूब 👌

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